दिल है के मानता नही
हम है के जानते नही.... हम है के जानते नही....
ईश्वर दयालु दाता है सबके....ये मानते
भी नही.... हो....
हम है के जानते नही.... हम है के जानते नही....
कैसी दया है क्यों है ये सब पर
पहेचानते ही नही......हो....हम
है के जानते नही....
हम है के जानते नही....
जब जब हमारे दुखो के साया, परेशान करते रहा....
तब तब हमारे...पास आके हमको.. राह तू
बताता रहा.....
एहसान कितने हमपर किये हैं... कैसे
कहें....क्या कहें.....
हम है के जानते नही....
हम है के जानते नही....
जिस पल किया है तुझे याद हमने, तूने है साथ दिया....
रुठा कभी ना शिकवा किया, पुकारा.... साथ हो लिया
दयावान ईश्वर क्रुपासिंधु दाता, कितने तेरे एहसान.....
हम है के जानते नही.... हम है के जानते नही....
कैसी दया है क्यों है ये सब पर, पहेचानते ही नही......
हो...ओ..ओ...ओ.. हम
है के जानते नही....
हम है के जानते नही....
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